मुझे लगने लगा था कि मैं विवाह की गाड़ी में बैठने का निर्णय सही समय पर नहीं कर पाई थी। मुझे लगने लगा था कि मैं विवाह की गाड़ी में बैठने का निर्णय सही समय पर नहीं कर पाई...
पुरानी मान्यताओं और परम्पराओं को भेड़चाल की तरह मानने पर होने वाले हादसे को बयान करते हुए इनसे बचने... पुरानी मान्यताओं और परम्पराओं को भेड़चाल की तरह मानने पर होने वाले हादसे को बया...
मैं अपने घर की बहू बेटी को कभी कभी अपने मन की कर लेने देती हूँ! मैं अपने घर की बहू बेटी को कभी कभी अपने मन की कर लेने देती हूँ!
जो दूसरे प्राणियों की भलाई करता है, उसकी भलाई अपने-आप होती है। जो दूसरे प्राणियों की भलाई करता है, उसकी भलाई अपने-आप होती है।
मेरे पति भले पोलियो से ग्रसित हैं...पर, मन से अपाहिज नहीं !” मेरे पति भले पोलियो से ग्रसित हैं...पर, मन से अपाहिज नहीं !”
तेरा ध्यान किधर है ? चेहरा घूमा, दिखा ,चेहरा सूजा हुआ लाल था। तेरा ध्यान किधर है ? चेहरा घूमा, दिखा ,चेहरा सूजा हुआ लाल था।